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6 Jul 2023 · 1 min read

**** टुकड़ों के निशान ****

**** टुकड़ों के निशान ****
**********************
ये दिल तुझ पर ही कुर्बान है,
तुम से ही सारा जहान है।

मिलती जीवन में नहीं वफ़ा,
अरमानों की भी दुकान है।

सीना छलनी सा फटा फटा,
दिखते टुकड़ों के निशान है।

टूटा चित लगता नहीं कहीं,
औझल नजरों से निदान है।

मनसीरत तो है वहीं खड़ा,
यूँ अटकी बेबस जुबान है।
*********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

Language: Hindi
191 Views
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