टीस
यह दुनिया हम दोनों को
मिलने नहीं देगी
लौट जाएगी आके बहार
खिलने नहीं देगी…
(१)
आंखों से आंसू बनकर
रिसते रहेंगे घाव
प्यासे हुए इन होठों को
सिलने नहीं देगी…
(२)
लाज की लक्ष्मण रेखा
खींच कर चारों ओर
इधर-उधर थोड़ा-सा भी
हिलने नहीं देगी…
(३)
रास्ते में चलते-फिरते
मार-मार कर ताने
प्यार के अधूरे किस्से को
भूलने नहीं देगी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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