टीवी वीडियो मोबाइल
टीवी वीडियो मोबाइल से हटता है किसी का ध्यान नहीं
साहित्यिक रचना या कविता शोभायमान अलमारी में
मंचो पर दो आर्थी जुमले चुटकुले मसखरापन हावी
गर्जना सिंह की बतलाती जल्दी अब आनी पारी है
दिनकर दुष्यंत थे शिखर पुरुष इतिहास लिख गए जीवन का
छूती है पंक्ति पंक्ति उनकी आभास कराती दर्पण का
साहित्य का सागर है अथाह पढ़ लो तुलसी पढ़ लो कबीर
भूषण या निराला को पढ़ लो जागेगा हर सोया जमीर
हम अपने दौर की बात करें था नीरज जी का साथ मिला
प्रेरणा अटल जी से पाई सर पर था उनका हाथ मिला
जो गुजर गया वह है अतीत आनी अब कल की बारी है
माता का है आशीष मुझे चलती यह कलम कुठारी है
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डॉक्टर //इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव