झूठ
मेरे झूठ में तेरी हंसी छुपी होती है।
तेरी हंसी में किसी का ख़ुशी छुपी होती है।।
इसीलिए मुझे झूठ बोलना पड़ता है कि तू हंसे क्योंकि सामने वाला तुझे उदास देखना नहीं चाहता है।
मुक्तक – जय लगन कुमार हैप्पी ⛳
मेरे झूठ में तेरी हंसी छुपी होती है।
तेरी हंसी में किसी का ख़ुशी छुपी होती है।।
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