Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2023 · 2 min read

झूठ

लघुकथा

झूठ

“अजीब किस्म के इंसान हैं आप। किस उम्र के व्यक्ति को क्या संबोधन करना है, ये कॉमन-सेंस भी आपको नहीं पता।”
“नाराज क्यों हो रही हो डॉर्लिंग। तुम्हें ऐसा क्यों लगता है ?”
“बहुत ही अजीब-सा लगता है आपको अपनी दादी और दादाजी की उम्र के लोगों को दीदी और भैया कहते हुए देखकर। सामने वाला भी चकित रह जाता है ऐसा सुनकर।”
“तो इसमें दिक्कत क्या है ?”
“अपनी उम्र का कुछ अंदाजा भी है आपको।”
“वैसे भी हम हैं तो गबरू जवान ही, पर आपके साथ रहने से हमारी जवानी कुछ ज्यादा ही उबाल मारने लगती है।”
“कैसे समझाऊँ मैं आपको। तीस की उम्र में ही दिमागी रूप से सिक्स्टी प्लस के लगते हैं।”
“मैडम जी, आप खामख्वाह नाराज हो रही हैं। देखिए, किसी भी अधिक उम्र के व्यक्ति को मेरे द्वारा भैया, बहन या दीदी कह देने मात्र से मेरा या आपका कुछ बिगड़ तो नहीं जाता, न ही कुछ नुकसान होता है। कभी आप उनके चेहरे को पढ़ने की कोशिश कीजिएगा। सुखद आश्चर्य से उनकी झुर्रियों से भरी आँखें फैल जाती हैं। शायद थोड़ी देर के लिए वे अपनी उम्र को भूल जाते हैं। मुझे देखकर वे अपने आप को 10-15 साल कम का महसूस करने लगते हैं। ये देखना मन को कितना सुकून देता है।”
“यदि कभी कोई पूछ दे कि आप हमें अंकल या आंटी न कह कर भैया या दीदी क्यों संबोधित कर रहे हैं तो आप क्या जवाब देंगे ?”
“मैडम जी, ये सवाल मुझसे कई बार पूछा जा चुका है। तब मैं बड़ी ही सफाई से कह देता हूँ कि मैं पाँच भाई-बहनों में सबसे छोटा हूँ। मेरे बड़े भैया या बड़ी बहन की उम्र आपसे यही कोई दो-तीन ज्यादा होगी। इस नाते आप मेरे भैया या दीदी ही हुए न। ऐसा सुनकर सामने वाला संतुष्ट हो जाताहै।”
“झूठ बोलना तो कोई आपसे सीखे।”
“डॉर्लिंग, मेरे एक झूठ से यदि किसी को कोई नुकसान नहीं हो रहा है बल्कि लोगों को उससे आत्मिक खुशी होती है, तो ऐसे झूठ बोलने में क्या दिक्कत है ?”
“हूँ, कोई दिक्कत नहीं है जी। अब मैं भी आपकी तरह ऐसे ही झूठ बोलने की कोशिश करूँगी।”
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

168 Views

You may also like these posts

एक ख़ास हैं।
एक ख़ास हैं।
Sonit Parjapati
हमको तन्हा छोड़ गया
हमको तन्हा छोड़ गया
Jyoti Roshni
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
चाहो जिसे चाहो तो बेलौस होके चाहो
shabina. Naaz
न रोको यूँ हवाओं को ...
न रोको यूँ हवाओं को ...
Sunil Suman
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बचपन के वो दिन
बचपन के वो दिन
प्रदीप कुमार गुप्ता
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
चलो इश्क़ जो हो गया है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
गमों ने जिन्दगी को जीना सिखा दिया है।
Taj Mohammad
- बाप व्यभिचारी बेटे लाचार -
- बाप व्यभिचारी बेटे लाचार -
bharat gehlot
मेरी दुआ है तुझे किसी की बद्दुआ न लगे।
मेरी दुआ है तुझे किसी की बद्दुआ न लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तस्मात् योगी भवार्जुन
तस्मात् योगी भवार्जुन
सुनीलानंद महंत
लोग अपनी हरकतों से भय नहीं खाते...
लोग अपनी हरकतों से भय नहीं खाते...
Priya Maithil
3842.💐 *पूर्णिका* 💐
3842.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
खूब लगाओ डुबकियाँ,
खूब लगाओ डुबकियाँ,
sushil sarna
प्राण प्रतिष्ठा या मूर्खता..??
प्राण प्रतिष्ठा या मूर्खता..??
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुस्तक
पुस्तक
Nitesh Shah
न ढूंढ़ मेरा किरदार दुनियां की भीड़ में..
न ढूंढ़ मेरा किरदार दुनियां की भीड़ में..
पूर्वार्थ
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय*
सोचा ना था
सोचा ना था
Swami Ganganiya
आखिरी जीत
आखिरी जीत
Heera S
प्रकाश
प्रकाश
Aman Kumar Holy
*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*
*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
झांसी वाली रानी
झांसी वाली रानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"यादों के उजाले"
Dr. Kishan tandon kranti
Dost
Dost
Rambali Mishra
21 उम्र ढ़ल गई
21 उम्र ढ़ल गई
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...