Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2024 · 1 min read

झूठ की लहरों में हूं उलझा, मैं अकेला मझधार में।

झूठ की लहरों में हूं उलझा, मैं अकेला मझधार में।
दूर तक दिखता नहीं कुछ, सांत सागर के सिवा।
झूठी दिलासा दे रहा मन को, नाव जीवन की खे रहा।
भय बसा है मन में मेरे, इक अनजान ज्वार के आने का।
फिर झूठी आशा हूं देता मन को, सागर पार कर जाने का।
सच बतलाऊं तो मन तैयार रहें, आने वाली विपदा को।
पर विश्वास नहीं है खुद पर तो, मैं मन पर क्या विश्वास करूं।
सच कहकर संघर्ष करूं, झूठ छिपाने को झूठ की आस करूं।

श्याम सांवरा…..

12 Views

You may also like these posts

संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
5 लाइन
5 लाइन
Neeraj Agarwal
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
प्रेम मोहब्बत इश्क के नाते जग में देखा है बहुतेरे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
इस दौलत इस शोहरत से सुकून
इस दौलत इस शोहरत से सुकून
VINOD CHAUHAN
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय*
किसान
किसान
Dp Gangwar
गली अनजान हो लेकिन...
गली अनजान हो लेकिन...
आकाश महेशपुरी
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
वोट डालने निश्चित जाना
वोट डालने निश्चित जाना
श्रीकृष्ण शुक्ल
गुफ़्तगू हो न हो
गुफ़्तगू हो न हो
हिमांशु Kulshrestha
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
उड़ने दो
उड़ने दो
Uttirna Dhar
किसी बेवफा में वफा ढूंढ रहे हैं
किसी बेवफा में वफा ढूंढ रहे हैं
Jyoti Roshni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्यार मेरा बना सितारा है --
प्यार मेरा बना सितारा है --
Seema Garg
बस्ता
बस्ता
sushil sharma
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
"इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
आसुओं की भी कुछ अहमियत होती तो मैं इन्हें टपकने क्यों देता ।
Lokesh Sharma
****हमारे मोदी****
****हमारे मोदी****
Kavita Chouhan
मैं अपने अधरों को मौन करूं
मैं अपने अधरों को मौन करूं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कवि होश में रहें
कवि होश में रहें
Dr MusafiR BaithA
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
दीपक झा रुद्रा
जाती जनगणना की हवामिठाई का सच |
जाती जनगणना की हवामिठाई का सच |
Harinarayan Tanha
सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम
सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम
RAMESH SHARMA
"एक पैगाम पिता के नाम"
Pushpraj Anant
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
Loading...