झूठ की बाजी
बटोरी रे तूने झूठी वाही वाही। झूठी झूठी बाजी बाजी रे कुछ समझा कुछ समझ ना पाया। अधूरी जिंदगी ही जी पाया अधूरी अधूरी रे। बटोरी बटोरी रे झूठी बाजी बाजी रे। कभी भी सत्य ना बोल पाया चतुराई का डंका बजाया। जीता रहा मजबूरी बटोरी रे झूठी झूठी बाजी बाजी र