झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से तुम सती सिया को हर लो।
पा न सकोगे सत्य समर्पण दंभी मायाबल से, चाहे पौंड्रक सा मायावी अंगुली पर चक्र सुदर्शन धर लो।।
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से तुम सती सिया को हर लो।
पा न सकोगे सत्य समर्पण दंभी मायाबल से, चाहे पौंड्रक सा मायावी अंगुली पर चक्र सुदर्शन धर लो।।