ज्ञान
ज्ञान ( धनुष वर्ण पिरामिड)
जो
ज्ञान
चाहता
वह जग
को अपनाता
सतत सीखता
है जीवन को जीता
गुण का ग्राहक हो
लेता जाता वह
ज्ञान रत्न को
बनता है
शंकर
शिव
सा।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
ज्ञान ( धनुष वर्ण पिरामिड)
जो
ज्ञान
चाहता
वह जग
को अपनाता
सतत सीखता
है जीवन को जीता
गुण का ग्राहक हो
लेता जाता वह
ज्ञान रत्न को
बनता है
शंकर
शिव
सा।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।