ज्ञान
धर्म ग्रंथ कोई पढ़ो गीता या कूरान,
बदलेगा कुछ भी नहीं यदि न मिटा अभिमान,
ईश्वर से परिपूर्ण है यह सारा ब्रह्माण्ड,
सबसे रखता प्रेम वह जिसको है यह ज्ञान।
?मधुसूदन दीक्षित?
धर्म ग्रंथ कोई पढ़ो गीता या कूरान,
बदलेगा कुछ भी नहीं यदि न मिटा अभिमान,
ईश्वर से परिपूर्ण है यह सारा ब्रह्माण्ड,
सबसे रखता प्रेम वह जिसको है यह ज्ञान।
?मधुसूदन दीक्षित?