“ज्ञान रूपी दीपक”
“ज्ञान रूपी दीपक”
जीवन में उजाले के लिए,
अपने ज्ञान के दीपक को जलाएंँ।
दूसरों के ज्ञान से,
हमारे जीवन में उजाला नहीं लाया जा सकता।
अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए,
गुरू रुपी सूर्य की आवश्यकता है।
दूसरो के दीपक से,
हमारे आशियानों में उजाले नही लाए जा सकते।
…..✍️ योगेंद्र चतुर्वेदी