जो समय सम्मुख हमारे आज है।
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
सब छुपे उसमें सुहाने राज हैं।
बढ़ चलें उत्साह पूरित मन लिए।
और कर लें पूर्ण सारे काज हैं।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २३/१०/२०
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
सब छुपे उसमें सुहाने राज हैं।
बढ़ चलें उत्साह पूरित मन लिए।
और कर लें पूर्ण सारे काज हैं।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २३/१०/२०