जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
कछुआ ना सही हसरतें खरगोश न रख
कई दफा टोका है उसको राज को राज रख
माथे पे उग आई सफेदी की कुछ तो लाज रख
मैंने कब कहा कि लुटा दे खुद में कई भेष रख
लड़ने को लड़ाई जीने के लिए कमाई शेष रख
काम पूरा होते ही मन में सुख की जाली न रख
ये दिमाक शैतान का घर है इसे खाली न रख
@भवानी सिंह “भूधर”