–जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है —
जो फेमस होता , वो जल्द रूखसत होता है, यह है मेरे लेख का विषय , उस में चाहे इंसान किसी भी चीज से प्रसिद्धि हांसिल करे, व्यापार में, संगीत में, नेता में, अभिनेता में, खान पान में, बहुत से उदाहरण हमारे सामने आये दिन आते रहते हैं !
पहले संगीत की दुनिआ की तरफ ही आज चलते है, हम सब ने अपनी आँखों से उन भरते हुए सितारों को इस जमीन से विदा होते देखा है, जो नाम कमाने के लिए जरा सा उभरता है, अलग अलग तरह के शिकंजे उस पर लगने लग जाते है, नाम लेने की शायद जरुरत नहीं है, आप खुद मेरे इस विषय से समझ गए होंगे, कि कितने ही लोग उभरने से पहले, दुनिआ से विदा कर दिए गए , अलग अलग तारीके से, जिस को भगवान् बुला लें, वो तो अपनी आयु पूरी कर के गया है, जिस की अभी उम्र थी, उस को निपटा दिआ गया, उस के सारे सपनों में आग लगा दी गयी, फिर कुछ दिन बाद सब धूमिल हो गया !!
दूसरा हम चलते हैं, व्यापार की तरफ, एक दूजे की सफलता को व्यापारी भी बहुत काम पचा पाते है, उस का व्यापार अच्छा क्यूँ चल रहा है, ऐसा कौन सा काम कर रहा है, इस की दूकान पर हमेशां भीड़ रहती है, समझ नहीं आता है आखिर माजरा क्या है, तरह तरह के विचार मन में आने लगते हैं, ईर्ष्या की भावना, बदले की भावना फिर दुश्मनी का रूप ले कर, वो कर देती है, जो नहीं करना चाहिए !!
तीसरा फेमस होना वो है, जो खुद इंसान हो जाता है, अक्सर ही घर का खाना नहीं खाना , बाजार की वो चीजे खानी है, जिस से कैंसर जैसी बिमारी जन्म ले लेती है, दोस्तों यारो की महफ़िल हो और बाहर की वस्तुओँ का इस्तेमाल न हो, यह तक नहीं सोचते आखिर वो खाने के लिए उपयुक्त हैं या नहीं हैं ? बस खाने से मतलब ! वो इंसान इतना खा लेता है, कि सब की नजर में उलझने सा लगता है, लोग उस को अक्सर ही बाहर खाते हुए देखते है, पर रोक तो कोई नहीं सकता है उस आवेग को, क्यूँकि वो अपने भले के हिसाब से सेवन कर रहा है, फास्ट फ़ूड, जनक फ़ूड, चाइनीज फ़ूड, मॉस, मदिरा, और न जाने क्या क्या !!
चौथा उदाहरण नेता जी के बारे में, वो फेमस होते नहीं , कर दिए जाते है, जनता के द्वारा ! कोई दादागिरी करते हुए, कोई गलत गतिविधिओं के द्वारा रातो रात इतने प्रसिद्ध हो जाते है, कि आखिर में उनका भी अंत संभव हो जाता है, अगर सामान्य तरीके से सब कुछ सही चले तो आराम से जिंदगी गुजारी जा सकती है, पर नहीं उस समय यह लोग भी घोड़े पर सवार होकर जनता पर अत्याचार करने लगते है, !!
सब जानते हैँ , कि यह सब ज्यादा समय तक नहीं चलता, फिर भी अपना नाम कमाने के चक्कर में दुनिआ को जल्द ही टाटा बाए-बाए कर जाते हैं, आजकल का जमाना वो जमाना नहीं रह गया, जब इंसानियत थी, भावना थी, दूसरे के दुःख में लोग दुखी होकर शरीक होते थे, आज जमाना बदल गया है, लोग तमाशा बना डालते है, वीडियो बनाकर सोशल साइट पर डालते है, बचाने कोई नहीं आता, और ज्यादा से ज्यादा उलझाने के लिए सब से आगे होते है !
अजीत कुमार तलवार
मेरठ