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4 Jun 2023 · 1 min read

जो पड़ते हैं प्रेम में…

जो पड़ते हैं प्रेम में,उसे कहाँ है चैन।
हाय नींद आती नहीं,जगते सारी रैन।।

अपना मन छलता रहा,छल कर किया तमाम।
बेचैनी दिन रात की,मिले नहीं आराम।।

आँखों में आराध्य है,और लबों पर नाम।
हर क्षण उसको सोचना,और नहीं कुछ काम।।

जलता रहता प्रेम में ,होता अंतर दाह।
हाय-अगन बढ़ता गया,निकल न पाये आह।।

प्रेमी पल-पल ढ़ूढ़ता,पावन प्रणय- पनाह।
ज्यों परवाने को रहा,सदा दीप की चाह।।

-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

2 Likes · 2 Comments · 270 Views
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