** जो निकली निःस्वास **
17.12.17 **** रात्रि **** 9.15
हमे दवाओ की नहीं आपकी दुआओं की जरूरत है
जिसमे कोई चाह कर भी ज़हर नहीं घोल सकता है ।।
. ?मधुप बैरागी
वाह वाह क्या वाह वाह की दिल से आपने वाह
जो निकली निःस्वास आह दिल से वाह वाह
वाह ।।
?मधुप बैरागी