लघुकथा
जो नहीं काटता
जागेश्वर अपनी बेटी सुजाता के साथ, अपने घर के सामने बैठा था|
तभी उनके पास से एक कुत्ता गुजरा| सुजाता ने कुत्ते को लात मारी|
जागेश्वर ने अपनी बेटी से कहा, “कुत्ते को मारते नहीं, काट लेगा|
सुजाता बोली, “ये नहीं काटता| काटता तो वो दूसरा है|” (दूर खड़े कुत्ते की तरफ इशारा किया)
जागेश्वर मन ही मन सोचने लगा| काटने वाले से सभी डरते हैं| जो नहीं काटता उसको ही मार पड़ती है|
ठीक उसके कार्यालय में भी उसे इन्हीं बातों से दो-चार होना पड़ता है|
-विनोद सिल्ला©