जो दूसरों से नहीं हारता
जो दूसरों से नहीं हारता वो अपनों से हार जाता है
फिर वो इस पार से अनन्त उस पार चला जाता है ।।
जीते तो गलहार हारे तो हार स्वीकार
जीवन में सहर्ष है किसे हार स्वीकार।
मधुप बैरागी
जो दूसरों से नहीं हारता वो अपनों से हार जाता है
फिर वो इस पार से अनन्त उस पार चला जाता है ।।
जीते तो गलहार हारे तो हार स्वीकार
जीवन में सहर्ष है किसे हार स्वीकार।
मधुप बैरागी