जो झूठ है वहीं सच मानना है…
राजनीति में अच्छे व्यक्तित्व के लोग नही रहे,
प्रशासन, पावर गलत लोगों के पास है,
आरक्षण का लाभ वंचितों को नही मिल पाता,
सामाजिक न्याय पर बस निबंध लिखे जाते है,
बेरोजगारी के मुद्दे पर बहस नहीं होती,
जवानों के शहादत को पैसे देकर भुला लिया जाता है,
किसानों के मुद्दों पर संसद में बहस नहीं होती
महिला सशक्तिकरण बस वोट पाने के लिए दिखावा है,
अब न किसी छात्र आंदोलन से सरकारें गिरती है,
न अब साहित्य में सामर्थ्य रहा है सरकार गिराने का ।।
– P S Dhami