जो घनश्याम तुम होते……
जो घनश्याम तुम होते…
भक्ति मीरा …सी .. कहीं राधा..सी..प्रीती ..
जो कर लेती… अगर …श्याम से तुम होते…
गौरी …सा गहन तप ..तो.. भी कर लेती …
जो शंकर से तुम होते..सिया ..सा.. काट ही लेती ,वनवास …..जो राम से तुम होते..
अहिल्या सी ..धैर्यता..शबरी सी प्रतीक्षा ..
कर भी कर लेती …आने क. वचन जो राम तुम देते …
मैं चातक सदियों की प्यासी ,दरस तृप्ति को पा ही लेती….. स्वाति की इक बूंद ..हो जाते …
जो पवन पावन सी बहलाती…मेरी राह बिसराती
बनके मोती… सिंधु मे समा जाती जो घनश्याम तुम होते……
अंजू पांडेय “अश्रु” रायपुर छत्तीसगढ़