Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 1 min read

जो घनश्याम तुम होते……

जो घनश्याम तुम होते…
भक्ति मीरा …सी .. कहीं राधा..सी..प्रीती ..
जो कर लेती… अगर …श्याम से तुम होते…
गौरी …सा गहन तप ..तो.. भी कर लेती …
जो शंकर से तुम होते..सिया ..सा.. काट ही लेती ,वनवास …..जो राम से तुम होते..
अहिल्या सी ..धैर्यता..शबरी सी प्रतीक्षा ..
कर भी कर लेती …आने क. वचन जो राम तुम देते …
मैं चातक सदियों की प्यासी ,दरस तृप्ति को पा ही लेती….. स्वाति की इक बूंद ..हो जाते …
जो पवन पावन सी बहलाती…मेरी राह बिसराती
बनके मोती… सिंधु मे समा जाती जो घनश्याम तुम होते……

अंजू पांडेय “अश्रु” रायपुर छत्तीसगढ़

Language: Hindi
51 Views

You may also like these posts

घृणा ……
घृणा ……
sushil sarna
शीतलहर
शीतलहर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तेरी बेवफ़ाई याद रहेगी
तेरी बेवफ़ाई याद रहेगी
Shekhar Chandra Mitra
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
बिड़द थांरो बीसहथी, चावौ च्यारूं कूंट।
बिड़द थांरो बीसहथी, चावौ च्यारूं कूंट।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
Ajit Kumar "Karn"
SHER-
SHER-
*प्रणय*
हर पल तेरी याद
हर पल तेरी याद
Surinder blackpen
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
Ravi Yadav
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
नव अंकुर स्फुटित हुआ है
Shweta Soni
जीवन रंगमंच
जीवन रंगमंच
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*चार दिन को ही मिली है, यह गली यह घर शहर (वैराग्य गीत)*
*चार दिन को ही मिली है, यह गली यह घर शहर (वैराग्य गीत)*
Ravi Prakash
* गीत कोई *
* गीत कोई *
surenderpal vaidya
हदें
हदें
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रामायण में भाभी
रामायण में भाभी "माँ" के समान और महाभारत में भाभी "पत्नी" के
शेखर सिंह
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...
गीत- कभी हँसकर कभी रोकर...
आर.एस. 'प्रीतम'
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
मैंने अपने एक काम को
मैंने अपने एक काम को
Ankita Patel
"संवाद"
Dr. Kishan tandon kranti
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
तू जाएगा मुझे छोड़ कर तो ये दर्द सह भी लेगे
कृष्णकांत गुर्जर
- मेरी त्रुटीया अपनो को पहचानने में -
- मेरी त्रुटीया अपनो को पहचानने में -
bharat gehlot
तथाकथित...
तथाकथित...
TAMANNA BILASPURI
जीवन चलने का नाम
जीवन चलने का नाम
शशि कांत श्रीवास्तव
प्रेम प्रस्ताव
प्रेम प्रस्ताव
NAVNEET SINGH
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
डॉ. दीपक बवेजा
कविता
कविता
Rambali Mishra
गली में तेरे हर रोज फिरता था मैं।
गली में तेरे हर रोज फिरता था मैं।
Rj Anand Prajapati
भारत प्यारा देश हमारा
भारत प्यारा देश हमारा
Jyoti Roshni
Loading...