जो खुद ही टूटा वो क्या मुराद देगा मुझको
कल रात बैठा था.. मैं अपनी छत पर
दिखा टूटता.. एक तारा मुझको !
सोचा फ़रियाद मांगू कोई.. पर दिल में ख्याल आया
जो खुद ही टूटा.. वो क्या मुराद देगा मुझको !!
– कृष्ण सिंह
कल रात बैठा था.. मैं अपनी छत पर
दिखा टूटता.. एक तारा मुझको !
सोचा फ़रियाद मांगू कोई.. पर दिल में ख्याल आया
जो खुद ही टूटा.. वो क्या मुराद देगा मुझको !!
– कृष्ण सिंह