जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
जो उमेश हैं, जो महेश हैं, वे ही हैं भोले शंकर
उनसे ही लिपटे रहते हैं बड़े बड़े वृश्चिक विषधर
वे विषपान किया करते हैं सदा लोक की रक्षा हित
वे देवों में महादेव हैं, पड़े जरूरत प्रलयंकर ।
— महेशचन्द्र त्रिपाठी