जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
चराग़ से भी ज़्यादा चराग़ रखता है।
मिला है अब के एक ऐसा पढ़ा लिखा महबूब
जो मेरे दिल के बराबर दिमाग़ रखता है।
(अज्ञात)
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
चराग़ से भी ज़्यादा चराग़ रखता है।
मिला है अब के एक ऐसा पढ़ा लिखा महबूब
जो मेरे दिल के बराबर दिमाग़ रखता है।
(अज्ञात)