जोश मिल गया
दुनिया को बदल कर रख दूगा वह जोश मिल गया मुझको ।
लहु उबाल भरेगा वह उदघोष मिल गया मुझको ॥
अब दुनिया भर कि जन्नत मेरे कदमों मे होगी क्योंकि,
आपके जैसा जो दोस्त मिल गया मुझको ॥
राजेन्द्र कुशवाहा
दुनिया को बदल कर रख दूगा वह जोश मिल गया मुझको ।
लहु उबाल भरेगा वह उदघोष मिल गया मुझको ॥
अब दुनिया भर कि जन्नत मेरे कदमों मे होगी क्योंकि,
आपके जैसा जो दोस्त मिल गया मुझको ॥
राजेन्द्र कुशवाहा