Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

जोड़ तोड़ सीखा नही ,सीखा नही विलाप।

जोड़ तोड़ सीखा नही ,सीखा नही विलाप।
राह प्यार सम्मान की, हर ले सब संताप।।

2 Likes · 210 Views

You may also like these posts

तृषा हुई बैरागिनी,
तृषा हुई बैरागिनी,
sushil sarna
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
विषय -झूला
विषय -झूला
Harminder Kaur
प्रेम की परिभाषा क्या है
प्रेम की परिभाषा क्या है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन को कर लो अपना हल्का ।
मन को कर लो अपना हल्का ।
Buddha Prakash
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
थमा गया
थमा गया
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गर्मी के दिन
गर्मी के दिन
जगदीश शर्मा सहज
तुम मुझमें अंगार भरो
तुम मुझमें अंगार भरो
Kirtika Namdev
मैं चल पड़ा हूं कहीं.. एकांत की तलाश में...!!
मैं चल पड़ा हूं कहीं.. एकांत की तलाश में...!!
Ravi Betulwala
मैं चंद्रमा को सूर्योदय से पूर्व सूर्यास्त के बाद  देखता हूं
मैं चंद्रमा को सूर्योदय से पूर्व सूर्यास्त के बाद देखता हूं
SATPAL CHAUHAN
कविता -
कविता -
Mahendra Narayan
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
सच्चाई का रास्ता
सच्चाई का रास्ता
Sunil Maheshwari
- होली के रंग अपनो के रंग -
- होली के रंग अपनो के रंग -
bharat gehlot
जो सारे दुखों को हर लें भी भगवान महादेव हर है ।
जो सारे दुखों को हर लें भी भगवान महादेव हर है ।
Rj Anand Prajapati
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
कूष्माण्डा
कूष्माण्डा
surenderpal vaidya
माँ
माँ
Dileep Shrivastava
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
Atul "Krishn"
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
.
.
Shwet Kumar Sinha
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Seema gupta,Alwar
कर्म पथ
कर्म पथ
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भीतर तू निहारा कर
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
आर.एस. 'प्रीतम'
पुरुष जितने जोर से
पुरुष जितने जोर से "हँस" सकता है उतने जोर से "रो" नहीं सकता
पूर्वार्थ
3100.*पूर्णिका*
3100.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...