जोगीरा सा रा रा रा
जोगीरा सा रा रा रा
झूम उठी सागर की नगरी होली का त्योहार
प्रीत बढ़ाए घर-आँगन में टेसू की बौछार
कि साली घर में आई …..
जोगीरा सा रा रा रा
रंग-बिरंगे रूप सजे हैं भाभी मन ललचाय
देवर खेलें सँग साली के मतवाली इठलाय
कि साली घर में आई…
जोगीरा सा रा रा रा
भर पिचकारी चूनर डारी मंद हँसे गुलनार
भाभी के उर चले कटारी देख खिली कचनार
कि साली घर में आई…
जोगीरा सा रा रा रा
फाल्गुन आया मस्ती लेकर जीजा करें धमाल
याद करें भाभी साजन को फीका लाल गुलाल
कि साली घर में आई….
जोगीरा सा रा रा रा
डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’