जैसे कभी न मेघ बने…
जैसे कभी न मेघ बने भाप के बिना,
सूरज की कोई साख नहीं ताप के बिना।
तन्हा मुझे न छोड़ के यूँ दूर जाइये,
मेरा भी कोई मोल नहीं आप के बिना।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 02/06/2022
जैसे कभी न मेघ बने भाप के बिना,
सूरज की कोई साख नहीं ताप के बिना।
तन्हा मुझे न छोड़ के यूँ दूर जाइये,
मेरा भी कोई मोल नहीं आप के बिना।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 02/06/2022