जैसी करनी जो करे
जैसी करनी जो करे, फल वैसो ही पाय।
पाथर मारे वृक्ष जो, सो मीठे फल खाय।।
सो फल मीठे खाय, कर्म की गति है ऐसी।
पल पल बीता जाय, किन्तु देरी है कैसी।।
अवसर यूं न गबाय, दिखा कुछ हिम्मत ऐसी।
गाथा वो बन जाय, किसी ने सुनी न जैसी।।
जैसी करनी जो करे, फल वैसो ही पाय।
पाथर मारे वृक्ष जो, सो मीठे फल खाय।।
सो फल मीठे खाय, कर्म की गति है ऐसी।
पल पल बीता जाय, किन्तु देरी है कैसी।।
अवसर यूं न गबाय, दिखा कुछ हिम्मत ऐसी।
गाथा वो बन जाय, किसी ने सुनी न जैसी।।