Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2022 · 1 min read

जे जनमल बा मरि जाई

शीर्षक – जे जनमल बा मरि जाई
मुक्तक मुक्तक
ए धरती पर हर प्राणी के जनम भईल बा भाई
सबकेहू निज कर्म भागि के बाटे खात कमाई
केहूसे केहूके बाटे मेल न सोरे आना
सोरे आना मेल इहे जे जनमल बा मरि जाई

कविता
शीर्षक – जे जनमल बा मरि जाई
आगी, पानी ,हवा, अउर धरती, आकाश मिलाके
किसिम- किसिम के मूरति, मूरतिकार रचे सरियाके
सब कुछ जानल जाता बाकिर , ई अनजान बुझाला
ओ मूरति के भीतर जाने कइसन प्रान डलाला
परत प्रान ओ मूरति में ऊ मूरति लागे डोले
चले पाँव से , सुने कान से , मुह से लागे बोले
प्रान सहित जब ऊ मूरति उतरे धरती पर भाई
घर में बा संतान भइल बाजेला खूब बधाई
पाँच तत्व के ओ मूरति में जबले प्रान रहेला
तबले करत रहे ऊ मूरति तरह- तरह के खेला
लेकिनम जहिया प्रान पखेरू मूरति से उड़ि जाला
सगरी खेल भुलाला मूरति धरती पर भहराला
एही जगे सभे मानेला सही राम के माया
आज फलाने उड़ि गइलें , भू पर बा उनकर काया
रहलें देह फलाने आकी ऊ भीतर के देही
एकर मरम समझलें , भईलें राजा जनक विदेही
अवधू अइसन कठिन मरम समझे वाला बा ज्ञानी
आइसन ज्ञानी सपनों में ना रही पावे अभिमानी

रचनाकार – अवध किशोर ‘अवधू’
ग्राम – वरवाँ (रकबा राजा )
पोस्ट – लक्ष्मीपुर बाबू
जनपद – कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)
पिन नंबर – 274407
मोबाइल नंबर – 9918854285
दि.01-05-2022

Language: Bhojpuri
1 Like · 156 Views

You may also like these posts

ज्ञान मंदिर पुस्तकालय
ज्ञान मंदिर पुस्तकालय
Ravi Prakash
दुनियादारी....
दुनियादारी....
Abhijeet
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
सु
सु
*प्रणय*
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
आन-बान-शान हमारी हिंदी भाषा
Raju Gajbhiye
शेयर बाजार वाला प्यार
शेयर बाजार वाला प्यार
विकास शुक्ल
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
पुरुष और स्त्री
पुरुष और स्त्री
पूर्वार्थ
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मेरा विश्वास*
*मेरा विश्वास*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#मणियाँ
#मणियाँ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जब भी तुम्हारा ज़िक्र आया।
जब भी तुम्हारा ज़िक्र आया।
Taj Mohammad
आंखों में खो गए, हर पल सा मिला,
आंखों में खो गए, हर पल सा मिला,
Kanchan Alok Malu
है भरम कि तेरी दंभलालसा सिंचित करने को चरणो में गिर जाउंगा।
है भरम कि तेरी दंभलालसा सिंचित करने को चरणो में गिर जाउंगा।
शशि "मंजुलाहृदय"
मानव हो मानवता धरो
मानव हो मानवता धरो
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
भावी युद्ध ...
भावी युद्ध ...
SURYA PRAKASH SHARMA
" गुलाब "
Dr. Kishan tandon kranti
आगमन
आगमन
Shikha Mishra
!! प्रार्थना !!
!! प्रार्थना !!
Chunnu Lal Gupta
बदल जाते हैं मौसम
बदल जाते हैं मौसम
Dr fauzia Naseem shad
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
ବିଶ୍ୱାସରେ ବିଷ
Bidyadhar Mantry
नई रीत विदाई की
नई रीत विदाई की
विजय कुमार अग्रवाल
बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
Neelam Sharma
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मेरे मन के मीत
मेरे मन के मीत
Mamta Rani
चाय वाले कप में पानी
चाय वाले कप में पानी
Ghanshyam Poddar
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
तुम बनते चालाक क्यों,धोखा है संसार ।
seema sharma
अपना कानपुर
अपना कानपुर
Deepesh Dwivedi
Loading...