जेठ की दुपहरी में
जेठ की दुपहरी में
तर ब तर पसीने से
ईंट सर पे ढोता है
कौन इसका होता है
स्वप्न धरा रहता है
अपना घर बनाने का
नींव सबके बोता है
कौन इसका होता है
देह की थकन तजकर
युद्ध भूमि में डटकर
प्राण अपने खोता है
कौन इसका होता है