Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
ओनिका सेतिया 'अनु '
209 Followers
Follow
Report this post
15 Mar 2022 · 1 min read
जुल्मत
क्या ज़ुल्मत पड़ी तेरे जाने के बाद,
के रौशनी के लिए हमें अपना चिराग-ऐ-दिल जलाना पड़ा.
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
4 Comments
· 147 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
धरती की पुकार
Onika Setia "Anu"
You may also like these posts
उसके किरदार की खुशबू की महक ज्यादा है
कवि दीपक बवेजा
--> पुण्य भूमि भारत <--
Ankit Halke jha
अनजाने से प्यार
RAMESH SHARMA
4652.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
gurudeenverma198
गीत- मुबारक जन्मदिन तुमको...
आर.एस. 'प्रीतम'
कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए।
Kumar Kalhans
साजन की विदाई
सोनू हंस
अगर मुझे पढ़ सको तो पढना जरूर
शेखर सिंह
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मजदूर*
Dushyant Kumar
"अजीब रिवायत"
Dr. Kishan tandon kranti
भूल
Neeraj Agarwal
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
वस्तुएं महंगी नही आप गरीब है जैसे ही आपकी आय बढ़ेगी आपको हर
Rj Anand Prajapati
तेरे दिल ने मेरे दिल को.जबसे तेरा पता दे दिया है...
Sunil Suman
निश्छल आत्मीयता
Sudhir srivastava
शब्दों से कविता नहीं बनती
Arun Prasad
*पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रामपुर*
Ravi Prakash
ଅତିଥି ର ବାସ୍ତବତା
Bidyadhar Mantry
उगें हरे संवाद, वर्तमान परिदृश्य पर समग्र चिंतन करता दोहा संग्रह।
श्रीकृष्ण शुक्ल
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
हकीकत जानते हैं
Surinder blackpen
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
पं अंजू पांडेय अश्रु
हम करें तो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"डोली बेटी की"
Ekta chitrangini
■ आज की परिभाषा याद कर लें। प्रतियोगी परीक्षा में काम आएगी।
*प्रणय*
Go wherever, but only so far,"
पूर्वार्थ
श्री रामलला
Tarun Singh Pawar
Loading...