जुदाई जान ले लेगी
गीत
जुदाई जान ले लेगी
मुझे इस हाल में साजन कभी जो छोड़ जाओगे।
जुदाई जान ले लेगी न जिंदा मुझको पाओगे।।
अगर तुम दूर हो जाओ ये साँसे बोझ लगती हैं।
झलक पाने को तरसे दिल निगाहे राह तकती हैं।
यूँ हर पल याद आकर तुम मुझे कब तक रुलाओगे।।
जुदाई जान ले लेगी———–
कभी तो जल बिना ही मीन सी मैं छटपटाती हूँ।
तपिश है इश्क की बेहद विरह अग्नि में जलती हूँ।
सुलगती प्यार में तेरे तो क्या जिंदा जलाओगे।।
जुदाई जान ले लेगी——-
लगाया रोग चाहत का तो हाले दिल समझ लीजै।
सनम मेरे ये दर्दे दिल की अब कोई दवा दीजै ।
करो कोई जतन वरना मुझे कैसे बचाओगे।।
जुदाई जान ले लेगी ——–
श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
साईंखेड़ा