Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2021 · 1 min read

जुदाई की रात

मैं क्या करूं आख़िर
मुझे नींद नहीं आती
मेरी जान जाती मगर
तेरी याद नहीं जाती…
बाग से लेकर
बहारों तक
चांद से लेकर
सितारों तक
चारों तरफ
फैले हुए इन
कुदरत के शोख
नज़ारों तक
तू जुदा हुआ जबसे
कोई चीज़ नहीं भाती…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#copyright #brokenheart

Language: Hindi
Tag: गीत
355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कभी आना जिंदगी
कभी आना जिंदगी
Vivek Pandey
मन तो बावरा है
मन तो बावरा है
हिमांशु Kulshrestha
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
VINOD CHAUHAN
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
भारत की है शान तिरंगा
भारत की है शान तिरंगा
surenderpal vaidya
लिखना
लिखना
पूर्वार्थ
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
Dr fauzia Naseem shad
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
sushil sarna
अजनबी की तरह साथ चलते हैं
अजनबी की तरह साथ चलते हैं
Jyoti Roshni
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
4248.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
गुरु पूर्णिमा का महत्व एवं गुरु पूजन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हरियाणा की होली
हरियाणा की होली
Savitri Dhayal
खूब ठहाके लगा के बन्दे
खूब ठहाके लगा के बन्दे
Akash Yadav
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
भीतर तू निहारा कर
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
भोले भाले शिव जी
भोले भाले शिव जी
Harminder Kaur
मेरी खामोशी का
मेरी खामोशी का
Nitu Sah
वसियत जली
वसियत जली
भरत कुमार सोलंकी
प्रश्न 1 – संस्कृत दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?
प्रश्न 1 – संस्कृत दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?
Aneesh
सखी
सखी
ललकार भारद्वाज
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
धर्म बनाम धर्मान्ध
धर्म बनाम धर्मान्ध
Ramswaroop Dinkar
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
महसूस किए जाते हैं एहसास जताए नहीं जाते.
शेखर सिंह
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जहाँ केवल जीवन है वहाँ आसक्ति है, जहाँ जागरूकता है वहाँ प्रे
जहाँ केवल जीवन है वहाँ आसक्ति है, जहाँ जागरूकता है वहाँ प्रे
Ravikesh Jha
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
Indu Singh
"वो और कुछ नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...