जुदाई की रात
मैं क्या करूं आख़िर
मुझे नींद नहीं आती
मेरी जान जाती मगर
तेरी याद नहीं जाती…
बाग से लेकर
बहारों तक
चांद से लेकर
सितारों तक
चारों तरफ
फैले हुए इन
कुदरत के शोख
नज़ारों तक
तू जुदा हुआ जबसे
कोई चीज़ नहीं भाती…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
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