जुदाई का गम
तेरे प्यार का असर दिल मे हुआ सनम,
तेरी जुदाई का गम मिला मुझको सनम,
तेरे प्यार में करते थे हम शिकायत,
शिकायतों में तेरी चाहत छुपी थी सनम,
करके बहाने तेरी मुहब्बत को आजमाता था,
कैसी हैं तेरी मुहब्बत परखता था सनम,
कड़ी धूप के छाये मे प्यार के मंडराते बादल,
इश्क के बादल से बरसात हो गयी सनम,
मेरे दर्द का है गम कितना तुझे खबर नही,
तेरी चाहत की जुदाई में तड़पता हूँ सनम,
वक़्त आया बुरा तो साथ छोड़े सभी अपने,
अब कोई दिखाये अपनापन दिल को नही भाता,
मैं तो हूँ काफिर मेरे हिस्से में दर्द मिली जागीर,
ठुकरा दिया सियासत को बन बैठा हूँ फकीर,
दिल के जख्मों को देख दर्द भी रो पड़ता हैं,
जख्मों के घाव गहरे बेदर्दी कैसे सह लेता है,