*जुड़े चाँद से सब त्यौहार (गीत)*
जुड़े चाँद से सब त्यौहार (गीत)
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जुड़े चाँद से सब त्यौहार ,तुम्हारे और हमारे
(1)
चाँद देखने छत पर जाकर अपनी नजर गड़ाते
करवा-चौथ चाँद से है रमजान शुरू हो जाते
दिखा चाँद तो मुस्काए ,हम-तुम खुशियों के मारे
(2)
दिखा चाँद फिर बढ़-बढ़ कर घटते-घटते छिप जाता
होली-दीपावली-ईद का इस घट-बढ़ से नाता
रिश्ते धरती और चाँद के, सदियों से उजियारे
(3)
आसमान है एक ,चाँद भी सिर्फ एक ही पाया
सबका मालिक वही एक है, जिसने इन्हें बनाया
मिल-जुलकर रह रहे गगन में, देखो अनगिन तारे
जुड़े चाँद से सब त्यौहार ,तुम्हारे और हमारे
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451