Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2023 · 1 min read

जी.आज़ाद मुसाफिर भाई

गांव – गांव और शहर-शहर से गुजरा एक बटोही।
चलता जाये ,गाता जाये, मैं मुहब्बत का राही ।।
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई, जी.आज़ाद मुसाफिर भाई।
गाँव गाँव और शहर शहर से—————-।।

भाई मेरा शरणागत जो रहता था जन्नत में।
कुछ दिन वहाँ गुजारे मैंने, गोया पंछी हाजत में ।।
ताईद करता हूँ भाभी की, ममता की है मूरत।
फकत उसी की तारीफ से मैं, मुहब्बत का इलाही।।
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई, जी.आज़ाद मुसाफिर भाई।
गांव गांव और शहर शहर से—————-।।

बचपन में एक सपना देखा,बनना है मुझे डॉक्टर।
मुफ़लिस का मर्ज दूर करूंगा, रहमी दिल मैं बनकर।।
बेजा एक तुफान ने आकर,कर दिया मुझको घायल।
फकत उसी की सोहबत से मैं, मुहब्बत का रुजाई ।।
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई, जी.आज़ाद मुसाफिर भाई।
गाँव गाँव और शहर शहर से—————-।।

नाहक,दीवाना और शायर, आकर यहाँ मैं हो गया।
खूबसूरत एक हसीन फूल का,आशिक दिल से हो गया।।
लेकिन मुझको छोड़ गया वह, करके मेरी बदनामी।
फिर भी नहीं है उससे नफरत, मैं मुहब्बत का वफाई।।
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई, जी.आज़ाद मुसाफिर भाई।
गांव गांव और शहर शहर से—————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तन्हाई की चाहत
तन्हाई की चाहत
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिस सादगी से तुमने साथ निभाया
जिस सादगी से तुमने साथ निभाया
Sonam Puneet Dubey
कुछ लिखूँ.....!!!
कुछ लिखूँ.....!!!
Kanchan Khanna
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
दोस्तों, जब जीवन में कुछ अच्छा होने वाला होता है तो अक्सर ऐस
Piyush Goel
"नग्नता, सुंदरता नहीं कुरूपता है ll
Rituraj shivem verma
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शूद्र नहीं, हम शुद्ध हैं
शूद्र नहीं, हम शुद्ध हैं
Shekhar Chandra Mitra
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
..
..
*प्रणय*
“ख़्वाब देखे मैंने कई  सारे है
“ख़्वाब देखे मैंने कई सारे है
Neeraj kumar Soni
- मेरे अपनो ने डुबो दी मेरी नैया अब में क्या करू -
- मेरे अपनो ने डुबो दी मेरी नैया अब में क्या करू -
bharat gehlot
"ग़ौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
23/25.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/25.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हकीकत मोहब्बत की
हकीकत मोहब्बत की
हिमांशु Kulshrestha
लिखने लग जाती मैं कविता
लिखने लग जाती मैं कविता
Seema gupta,Alwar
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
Krishna Manshi
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
जो बातें अनुकूल नहीं थीं
Suryakant Dwivedi
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
*करते सौदा देश का, सत्ता से बस प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गुलाब और काँटा
गुलाब और काँटा
MUSKAAN YADAV
यादें समेट रहा हूं तेरे सीवा
यादें समेट रहा हूं तेरे सीवा
Iamalpu9492
आजमाइश
आजमाइश
AJAY AMITABH SUMAN
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
दिवस संवार दूँ
दिवस संवार दूँ
Vivek Pandey
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
वो अब नहीं आयेगा...
वो अब नहीं आयेगा...
मनोज कर्ण
नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
Shubham Pandey (S P)
होली गीत
होली गीत
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*जो जीता वही सिकंदर है*
*जो जीता वही सिकंदर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
ससुराल से जब बेटी हंसते हुए अपने घर आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीर्षक-तुम मेरे सावन
शीर्षक-तुम मेरे सावन
Sushma Singh
Loading...