जीवन
आधा जीवन फर्ज है, आधा जीवन कर्ज ।
दो लफ़्ज़ों की जिंदगी , पाण्डे करता अर्ज ।।
पाण्डे करता अर्ज , मर्म जीवन का प्यारा ।
खूब निभाओ रोज , कर्म का पथ है न्यारा ।
रंगमंच के पात्र , सभी मोहन या राधा ।
आधा जीवन फर्ज , कर्ज है जीवन आधा ।।
सतीश पाण्डेय