Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2021 · 1 min read

जीवन

जैसा जब जीवन मिला,रँगी उसी के रंग।
समझ समय की चाल को,चली उसी के संग।
चली उसी के संग,मार कर अपनी इच्छा।
घर के सारे काम,हमे लगता है अच्छा।
रहा कला से प्रेम,जिंदगी भी कुछ वैसा।
घर से समय निकाल,काव्य रचती मन जैसा ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

3 Likes · 1 Comment · 433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ईंट खोदकर नींव की, गिरा दिया निज गेह ।
ईंट खोदकर नींव की, गिरा दिया निज गेह ।
Arvind trivedi
मात-पिता केँ
मात-पिता केँ
DrLakshman Jha Parimal
सोच...….🤔
सोच...….🤔
Vivek Sharma Visha
"राष्टपिता महात्मा गांधी"
Pushpraj Anant
"कामयाबी"
Dr. Kishan tandon kranti
उतार देती हैं
उतार देती हैं
Dr fauzia Naseem shad
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
मौजूदा ये साल मयस्ससर हो जाए
Shweta Soni
" कृषक की व्यथा "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रिश्ता ये प्यार का
रिश्ता ये प्यार का
Mamta Rani
ऋतुराज
ऋतुराज
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लड़कियां क्रीम पाउडर लगाकर खुद तो गोरी हो जाएंगी
लड़कियां क्रीम पाउडर लगाकर खुद तो गोरी हो जाएंगी
शेखर सिंह
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
जिन्होंने भारत को लूटा फैलाकर जाल
Rakesh Panwar
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
.
.
*प्रणय प्रभात*
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
ज़माना इश्क़ की चादर संभारने आया ।
Phool gufran
Lines of day
Lines of day
Sampada
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
"जब भी ये दिल हताश होता है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!!
Ravi Betulwala
बापू तेरे देश में...!!
बापू तेरे देश में...!!
Kanchan Khanna
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
ये दिन है भारत को विश्वगुरु होने का,
शिव प्रताप लोधी
कोरे कागज पर...
कोरे कागज पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
छोड़ जाते नही पास आते अगर
छोड़ जाते नही पास आते अगर
कृष्णकांत गुर्जर
. काला काला बादल
. काला काला बादल
Paras Nath Jha
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
पूर्वार्थ
अंधेरे में
अंधेरे में
Santosh Shrivastava
* तुम न मिलती *
* तुम न मिलती *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
मां, तेरी कृपा का आकांक्षी।
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...