Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Apr 2019 · 1 min read

जीवन हो सुगम

दिनांक 4/4/19

विधा पिरामिड

1
है
राम
जीवन
मरण का
सुखी आधार
अच्छे कर्म धर्म
करें तो नैया पार

2
है
शक्ति
चलाए
जगत को
हटाए अंधेरा
जीवन हो सुगम

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
महका है आंगन
महका है आंगन
surenderpal vaidya
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
" जीवन है गतिमान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
4417.*पूर्णिका*
4417.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . . वर्षा
दोहा पंचक. . . . . वर्षा
sushil sarna
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी कई मायनों में खास होती है।
Shashi kala vyas
💞मंजिल मिले ना मिले ✨💕
💞मंजिल मिले ना मिले ✨💕
Rituraj shivem verma
शारदे देना मुझको ज्ञान
शारदे देना मुझको ज्ञान
Shriyansh Gupta
हम क्यों लगाये यह दिल तुमसे
हम क्यों लगाये यह दिल तुमसे
gurudeenverma198
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
Phool gufran
गोपाल हूं मैं, काल भी
गोपाल हूं मैं, काल भी
Saransh Singh 'Priyam'
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
इंतज़ार करने की लत
इंतज़ार करने की लत
Chitra Bisht
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
******** प्रेरणा-गीत *******
******** प्रेरणा-गीत *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
आप को मरने से सिर्फ आप बचा सकते हैं
पूर्वार्थ
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
मौसम और कुदरत बर्फ के ढके पहाड़ हैं।
Neeraj Agarwal
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
Rj Anand Prajapati
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
खुशी -उदासी
खुशी -उदासी
SATPAL CHAUHAN
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
*क्या देखते हो *
*क्या देखते हो *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मोम की गुड़िया
मोम की गुड़िया
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बॉस की पत्नी की पुस्तक की समीक्षा (हास्य व्यंग्य)
बॉस की पत्नी की पुस्तक की समीक्षा (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है।
Manisha Manjari
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
!! पत्थर नहीं हूँ मैं !!
Chunnu Lal Gupta
Loading...