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24 Aug 2024 · 1 min read

जीवन है कोई खेल नहीं

जीवन है कोई खेल नहीं
यहाँ आपस में भाई-भाई का मेल नहीं।
दिखावे के लिए सब साथ है मगर साथ कोई नहीं।
होने को तो सब अपने है मगर अपनों सा व्यवहार नहीं।।

मोहब्बत सब करते है मगर निभाता कोई नहीं।
खाते हैं दुनिया भर की कसमें मगर पूरी करता कोई नहीं।
जलते हैं एक-दूसरे से मगर जताता कोई नहीं।
सुख में साथ सब होते हैं मगर दुखः में कोई नहीं।।

करते हैं सब झूठी बातें मगर सच्ची करता कोई नहीं।
खुद को बताते हैं सब अच्छा मगर यहाँ अच्छा कोई नहीं।
कल तक था जिस पर मेरा अधिकार वो भी आज मेरा नहीं।
यह जीवन है कोई खेल नहीं

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