जीवन से तम को दूर करो
दीपों का हरेक हिस्सा हरे
दिल और दिमाग का तम
मानवता के आदर्शों को
जी सकें हम सब हरदम
हर उज्ज्वल रश्मि देती
सब के मन को प्रकाश
खुद को जलाकर हरो
दूजों के पथ का नैराश्य
दीप देव से मांगता उमेश
हर बार यही एक वरदान
जीवन से तम को दूर करो
प्रभुवर सतत हो कल्याण