Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2022 · 1 min read

जीवन में रिश्ते

“जीवन में रिश्ते विशेष महत्व रखते हैं,
इसलिए ध्यान रखे कि नये रिश्ते कभी
पुराने रिश्तों के टूटने का कारण न बने ।”

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 166 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
तेरी जुस्तुजू
तेरी जुस्तुजू
Shyam Sundar Subramanian
हम क्यूं लिखें
हम क्यूं लिखें
Lovi Mishra
बहुत अहमियत होती है लोगों की
बहुत अहमियत होती है लोगों की
शिव प्रताप लोधी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
बाद मुद्दत के हम मिल रहे हैं
Dr Archana Gupta
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
“फेसबूक मित्रों की बेरुखी”
DrLakshman Jha Parimal
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
मैं हूँ कि मैं मैं नहीं हूँ
VINOD CHAUHAN
दिन में रात
दिन में रात
MSW Sunil SainiCENA
यदि गलती से कोई गलती हो जाए
यदि गलती से कोई गलती हो जाए
Anil Mishra Prahari
बचपन मिलता दुबारा🙏
बचपन मिलता दुबारा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*तुम और  मै धूप - छाँव  जैसे*
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
श्रम साधक को विश्राम नहीं
श्रम साधक को विश्राम नहीं
संजय कुमार संजू
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
धरती को‌ हम स्वर्ग बनायें
Chunnu Lal Gupta
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
पूर्वार्थ
तेरा फिक्र
तेरा फिक्र
Basant Bhagawan Roy
■ शर्मनाक प्रपंच...
■ शर्मनाक प्रपंच...
*प्रणय प्रभात*
दुआओं में जिनको मांगा था।
दुआओं में जिनको मांगा था।
Taj Mohammad
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
सम्मान तुम्हारा बढ़ जाता श्री राम चरण में झुक जाते।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
वो अनुराग अनमोल एहसास
वो अनुराग अनमोल एहसास
Seema gupta,Alwar
इस तरहां बिताये मैंने, तन्हाई के पल
इस तरहां बिताये मैंने, तन्हाई के पल
gurudeenverma198
राम समर्पित रहे अवध में,
राम समर्पित रहे अवध में,
Sanjay ' शून्य'
Loading...