जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
निशिदिन सब चलते रहें, चन्दा सूरज पार।
रश्मि रथ पर आयेगा, कहने को दिनमान
मेरा तू प्रतिमान है, मैं अमृत तू धार।।
सूर्यकांत
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
निशिदिन सब चलते रहें, चन्दा सूरज पार।
रश्मि रथ पर आयेगा, कहने को दिनमान
मेरा तू प्रतिमान है, मैं अमृत तू धार।।
सूर्यकांत