जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम को भी युद्ध में जीत के लिए अनेक लोगों की सहायता लेनी पड़ी थी। केवल संभावना है कि आप मन का युद्ध अकेले लड़ पाएं। पर संभव तो यह भी नहीं, अंतर्द्वंद के लिए भी मन में पक्ष-विपक्ष चाहिए ही होते हैं।
डॉ तबस्सुम जहां