जीवन दर्शन
एक नाविक किसी विद्वान को नदी पार करा रहा था । विद्वान ने समय व्यतीत करने के उद्देश्य से नाविक से कुछ बातचीत करना उचित समझा , उसने नाविक से पूछा –
वेद जानते हो ?
जी नहीं ।
शास्त्र ?
जी नहीं ।
पुराण , उपनिषद ?
जी नहीं ।
विद्वान ने कहा , भाई , तुम्हारा तो आधा जीवन व्यर्थ चला गया ।
नाविक चुप रहा । थोड़ी देर में ही तेज हवा बहने लगी । तूफान उठने से नाव डगमगाने लगी । नाविक ने विद्वान से पूछा –
पंडित जी तैरना आता है न ?
नहीं भाई ।
नाविक बोला -अब तो आपका पूरा जीवन ही व्यर्थ जाने वाला है ,
लेकिन घबराइए मत , मैं आपको डूबने नहीं दूंगा ।