Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2022 · 1 min read

*जीवन को मात है (घनाक्षरी)*

जीवन को मात है (घनाक्षरी)
—————————————-
किसको है जाना कब ,किसने है जाना कब
आने और जाने का न समय ही ज्ञात है
कोई वर्षों से थक हार-हार पड़ा हुआ
मरण से चाह रहा बस मुलाकात है
कोई मिनटों में गया देखते ही रहे सब
समझ न पाए हुई कैसे यह बात है
जिसकी लिखी है जिस तरह से आता काल
उस ही तरह देता जीवन को मात है
—————————————
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
मुस्कुराने लगे है
मुस्कुराने लगे है
Paras Mishra
कोई मिलता है
कोई मिलता है
shabina. Naaz
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
ग़रीबी में भली बातें भी साज़िश ही लगा करती
आर.एस. 'प्रीतम'
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
शरद
शरद
Tarkeshwari 'sudhi'
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
Nilesh Premyogi
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
Ravi Prakash
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लहर तो जीवन में होती हैं
लहर तो जीवन में होती हैं
Neeraj Agarwal
खत्म हुआ है दिन का  फेरा
खत्म हुआ है दिन का फेरा
Dr Archana Gupta
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
तुम और बिंदी
तुम और बिंदी
Awadhesh Singh
*पयसी प्रवक्ता*
*पयसी प्रवक्ता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुक्तक...छंद पद्मावती
मुक्तक...छंद पद्मावती
डॉ.सीमा अग्रवाल
महसूस तो होती हैं
महसूस तो होती हैं
शेखर सिंह
When I was a child.........
When I was a child.........
Natasha Stephen
तुझसे है कितना प्यार
तुझसे है कितना प्यार
Vaishaligoel
#कहानी- (रिश्तों की)
#कहानी- (रिश्तों की)
*प्रणय*
मैं अपने आप को समझा न पाया
मैं अपने आप को समझा न पाया
Manoj Mahato
3466🌷 *पूर्णिका* 🌷
3466🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
"प्रेम-पत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छा लगना
अच्छा लगना
Madhu Shah
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
“ऐसी दोस्ती”
“ऐसी दोस्ती”
DrLakshman Jha Parimal
कान्हा घनाक्षरी
कान्हा घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
वर्षा
वर्षा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मन
मन
Ajay Mishra
Loading...