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28 Jul 2022 · 1 min read

जीवन की दुर्दशा

जीवन की दुर्दशा अकर्मण्यता की देन है।
परिश्रम की रोटी खाना ईश्वर की देन है ।।
निर्णय तुम्हारे हाथ है क्या तुमको चाहिए।
भाग्य हीनता तो केवल कर्मों की देन है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
8 Likes · 269 Views
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