जीवन की दुर्दशा
जीवन की दुर्दशा अकर्मण्यता की देन है।
परिश्रम की रोटी खाना ईश्वर की देन है ।।
निर्णय तुम्हारे हाथ है क्या तुमको चाहिए।
भाग्य हीनता तो केवल कर्मों की देन है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
जीवन की दुर्दशा अकर्मण्यता की देन है।
परिश्रम की रोटी खाना ईश्वर की देन है ।।
निर्णय तुम्हारे हाथ है क्या तुमको चाहिए।
भाग्य हीनता तो केवल कर्मों की देन है ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद