जीवन की कुछ सच्चाईयां
जीवन की कुछ सच्चाईयां
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अहम की अकड़,ज्यादा चल नही सकती,
मौत की घड़ी,कभी भी टल नही सकती।
लूट कर दौलत,भले ही तुम जमा कर लो,
पाप की कमाई,कभी भी फल नहीं सकती।।
रस्सी के बल,कभी जल नही सकते,
झूठ के पांव,कभी चल नही सकते।
तुम कितने ही महल मकान चिनवा लो,
वे तेरे साथ,कभी भी चल नही सकते।।
सच को कभी भी झुठलाया नही जा सकता,
सच को कभी झूठ बनाया नही जा सकता।
भले ही झूठ कुछ वक्त के लिए सच दिखाई दे,
पर सच को कभी भी छिपाया नहीं जा सकता।।
पूत के पांव पालने में दिखाई दे जाते है,
जो अपने होते है सब दिखाई दे जाते है।
अपनो और बिरानों को परखो कैसे तुम,
ये मुसीबत के समय में दिखाई दे जाते है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम