***जीवन का सच **कुछ मीठे कुछ खट्टे अनुभव
जीवन अगर खट्टा-मीठा ना हो तो जीवन जीने का मजा ही नहीं | फीका और बेस्वाद जीवन नीरस हो जाता है | खट्टे मीठे अनुभव ही जीवन को दिशा प्रदान करते हैं और मनुष्य को सन्मार्ग की ओर ले जाते हैं | जो इनसे हार मान लेते हैं वह अंधेरे में डूब जातें हैं और जो इसको जीत लेते हैं वह मंजिल को पा लेते हैं |
***
हार मानने से मनुष्य न्यूनता में चला जाता है | सभी के जीवन में ऐसे क्षण अवश्य आते हैं जब कुछ लोग उनके मार्ग में बाधक और कुछ साधक बनते हैं कुछ उनकी बढ़ाई और कुछ बुराई करते हैं और अन्य दूसरों के कहे में आकर अपना मत नहीं रखते उनके पीछे हो लेते हैं | एक व्यक्ति के लिए अपनी राय बनाना अच्छी बात है मगर उसे कमजोर बनाना दूसरी बात है अगर आप किसी के काम नहीं आ सकते तो उसकी सफलता में बाधक भी ना बने|
***
कहते हैं- मनुष्य का व्यक्तित्व‚ चरित्र मुख की आभा और कांति उसका संपूर्ण परिचय होती है | व्यक्ति को स्वयं परिचय देने की आवश्यकता ही नहीं होती अगर वह अपने यह तीनों गुण दूसरों के समक्ष प्रदर्शित कर देता है | अच्छा व्यक्तित्व कांतिसहित होता है और बुरा व्यक्तित्व कांतिहीन होता है |
***
किसी की उन्नति और विकास के आड़े आने से या किसी को नीचा दिखाने से कभी भी कोई महान नहीं बन सकता आप चाहे जितने भी ऊँचे पद पर क्यों ना हो आपका कृत्य आपको उस व्यक्ति की आँखों में नीचा ला देता है जिसके लिए आप सकारात्मक विचार नहीं रखते | सिर्फ अपने घेरे में आए व्यक्तियों का भला चाहना ही महान या बड़ा नहीं बनाता | बड़ा बनाता है आपका सभी के प्रति समान दृष्टिकोण |
***
जीवन में कुछ ऐसे ही खट्टे-मीठे अनुभव प्राप्त होते हैं जिन्हें भुलाना चाहते हुए भी आप भूल नहीं पाते और कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें बार-बार याद करने से सुख का अनुभव होता है | कुछ व्यक्ति आपकी उपाधियों और ज्ञान से परिचित होते हुए भी आपकी आलोचना करते हैं और कुछ आपका अनुसरण करते हैं |
***
कुछ व्यक्तियों के लिए आप का ज्ञान कोरे कागज के समान हो सकता है | कुछ आपके ऊपर गर्व करते होंगे और कुछ आपके जैसा बनना चाहते होंगे |कुछ अपने पद को लेकर बस इसी दंभ में जीते होंगे कि उनसे बेहतर कोई नहीं और उनसे आगे कोई नहीं निकल सकता और न ही वह किसी को बिना उनकी मंशा के आगे बढ़ने देंगे |
***
ऐसे लोग प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आते हैं |ऐसे लोग जीवन में उस नुकीले रोड़े के समान होते हैं जिससे रू-ब-रू होने पर व्यक्ति अपनी आत्मा तक से घायल हो जाता है और जब इंसान आत्मा से घायल होता है तब वह टूटने लगता है मगर,अगर उस समय उसे कोई सहारा देता है उसके दुख से उसे उबारता है वह ईश्वर का स्थान पाता है | उसके बाद उस ईश्वर की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है और आपकी राह में काँटें बिछाने वाला व्यक्ति दूर खड़े देखता रहता है मगर कुछ कर नहीं पाता |
***
इसलिए हमेशा ईश्वर पर विश्वास रखो |ईश्वर सब देखता है और देर-सवेर इंसाफ जरूर करता है | चाहे इस लोक में चाहे उस लोक में करनी का फल हमेशा मिलता है इसलिए हमेशा अच्छे कर्म करो ,दूसरों का भला चाहो दूसरों के मार्ग में कभी भी बाधक मत बनो हमेशा साधक का फर्ज़ अदा करो | किसी को अपशब्द मत कहो ,मीठी वाणी बोलो और सरस व्यवहार रखो दूसरों की तरक्की से ईर्ष्या और द्वेष मत करो | कर्म करो फल की इच्छा मत करो |||||
बोए हैं जिसने काँटे
काँटें उसने पाए हैं
भला उसी का हुआ है
फूल जिसने बरसाए है
अच्छी वाणी और वचन
बोले और अपनाए हैं
नजरों में उसने सबकी
मान-सम्मान ही पाए हैं ||||