‘जीवन का संसार महल है’
जीवन का संसार महल है ,
बस खुशियों की ही चहल – पहल है ,
किसी की यादें मिट्टी बन गयीं ,
और किसी की ताजमहल है ,
जीवन का संसार महल है………..
आगे बढ़ कर निकले घर से ,
शाम छिपे जब वापस आये ,
साथ बैठ कर इक चेहरे के ,
बडे़ – बडे़ किस्से बतलाये ,
किसी – किसी का प्यार महल है ,
और किसी का व्यापार महल है ,
जीवन का संसार महल है…………
इस धरती पर ज़िन्दा रहकर ,
उम्मीदों की उथल – पुथल है ,
कुछ के सपने कल सिमट गये ,
और कुछ के सपने आज सफल है ,
जीवन का संसार महल है ,
बस खुशियों की ही चहल – पहल है ,
किसी की यादें मिट्टी हो गयीं ,
और किसी की ताजमहल हैं
– अशांजल यादव